Tuesday 20 November 2012

ताज़ा मैंगो मैन, माज़ा मैंगो मैन । Mango Man

मैंगो मैन एक ऐसा प्राणी .. जो मैंगो की ही तरह चूसने के काम आता है । भारतवर्ष में ये बहुतायत से मिलता है । इसके कई प्रकार होते हैं । और बाहर से ये नर्म तथा अंदर से सख़्त होता है । पांच वर्ष के अंतराल में एक ऐसा समय आता है जब यह चुनाव करता है की अगले पांच वर्ष तक कौन इसको चूसेगा । अमूमन मैंगो मैन कोई अड्वेंचर पसंद नहीं करता और वो बस अपने टोकरीनुमा घर से जूसर-नुमा ऑफीस और जूसर-नुमा ऑफीस से टोकरीनुमा घर तक आता जाता है ।

 

इसे पहचानना थोड़ा कठिन है । क्यूंकि सुपरमैन, बैटमैन की तरह यह पतलून के उपर चड्डी नहीं पहनता । यह चड्डी, पतलून के अंदर ही पहनता है क्यूंकी उसके फटे होने के काफ़ी चान्स होते हैं । बस ये समझ लो की जो चूसा जा रहा है वो मैंगो मैन । अलबत्ता जब इसे चूसा जा रहा होता है तो कोई इसका MMS नहीं बनाता । (MMS तो नेताओं का बनता है, और फिर हाई कोर्ट उसपर प्रतिबंध भी लगा देता है ) जैसे एक ही तरह के सुपरमैन, बैटमैन होते हैं । ये मैंगो मैन एक ही तरह का नहीं होता । अलग अलग तरह का होता है । अलग अलग आकार प्रकार और टेस्ट का होता है । अब देखिये जनाब एक होता है हिन्दुस्तानी मैंगो मैन, एक इंडियन मैंगो मैन, और एक भारतीय मैंगो मैन भी होता है ।

हिन्दुस्तानी मैंगो मैन मानता है की वो हिन्दुस्तान में रहता है और सुबह ब्रह्म महूर्त में उठ जाता है । लोटा लेकर सुबह जंगल, मैदान की खोज करता है( ध्यान दें की आजकल जंगल मैदान खोजना कोलम्बस के अमेरिका खोजने से ज्यादा कठिन है ), वही लोटा लेकर फिर स्नान ध्यान पूजा करता है । हर जीव में आत्मा देखता है, चीटियों को आटा खिलाता है । गीता के उपदेश पढता है, और अधर्म के विरुद्ध युद्ध करने की मंशा रखता है । इंडियन मैंगो मैन इसे भगवा आतंकवादी समझता है । इंडियन मैंगो मैन, इंडिया को अमेरिका बनते देखना चाहता है । इसे धर्म और रिलिजन के बीच का फ़र्क़ नहीं पता, पानी को वाथर बोलना पसंद करता है, कार को खार । उसे बीफ सैंडविच से गाय के माँस की गंध नहीं, अमेरिका की खुश्बू आती है । वह बीच पर बिकनी पहने धूप में लेटी युवतियाँ देखना चाहता है । वह चाहता है की उसे अपनी प्रेयसी के साथ कहीं भी चुंबन लेने की आज़ादी हो । आसानी से ठंडी बियर मिला करे और उसे सड़क पर पीते हुए पांडु पुलिसिया डंडा ना करे । और ऐसा ना होने के चान्स देख वह अमेरिका, ब्रिटेन या कनाडा निकल लेना चाहता है । अब इनके बीच में ही फंसा हुआ है भारतीय मैंगो मैन । यह भारतीय मैंगो मैन अँग्रेज़ी जानता तो है लेकिन कार को खार नहीं बोलता । पिज़्ज़ा से ज़्यादा, पराठा पसंद करता है । गर्मी की शादी में कोट पैन्ट्स पहने दूल्हे को देखता है तो "च" से कोई संज्ञा फटाफट दे देता है । चाहता है की भारतीय लड़की चाहे कुछ भी पहने लेकिन अपने शरीर की नुमाइश से लोगों को लुभाना छोड़ खुद में गुण विकसित करे और अपनी पहचान अपने गुणो के आधार पर बनाये । अपनी छोटी होती चोली को अपने गुणो का विकास ना समझे । ये तो रहे कुछ मैंगो मैन के प्रकार । अब मैंगो मैन इससे ज़्यादा प्रकार के हैं या नहीं ये तो मुझे मालूम नहीं लेकिन एक प्रजाति ऐसी है जो नित नये मैंगो मैन की खोज में लगी हुई है ।

एक बहुत ही मोटी खाल वाली, प्रजाति इस देश में पाई जाती है । खाल मोटी, तशरीफ़ चौड़ी, डर्टी पॉलिटीशियन माली । यह पॉलिटीशियन माली भी कमाल का प्राणी है । यह तरह तरह के मैंगो मैन छांट कर अलग अलग डिब्बों में पैक करना जानता है । इसने दलित मैंगो मैन, सामान्य मैंगो मैन, ऑबीसी मैंगो मैन जैसी खोज की हैं । फिर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई मैंगो मैन तो हैं ही । खोजी प्रवृत्ति का प्राणी है । किसी भी किस्म के मैंगो मैन ज्यादा हो जाये तो यह अपनी खोज प्रारंभ कर देता है । जैसे सामान्य हिन्दू मैंगो मॅन ज़्यादा हो गये तो उनमें से सेक्युलर और नॉन सेक्युलर हिन्दू मैंगो मैन खोज लो । अलग अलग डब्बों में पैक कर दो । एक डब्बे के रेट बढ़ा दो, दूसरे के घटा दो । इंटरनेट पर हिन्दू मैंगो मैन ज़्यादा बोलने लगे तो उनके लिये एक नया डब्बा तैयार कर दो और नाम दे दो इंटरनेट हिंदू । इनके रेट गिरा दो ताकि कोई और इंटरनेट हिन्दू मैंगो मैन ना पैदा हों । मैंगो मैन आन्दोलन करने लगे के जी हम अपना जूस नहीं निकलवाएंगे तो उन्हे अन्ना मैंगो मैन और केजरीवाल मैंगो मैन का लेबल लगा कर अलग अलग डिब्बों में पैक करो । एक एक डिब्बे को अलग से हेंडल करना आसान है ।

डर्टी पॉलिटीशियन माली इस बात का भी पूरा खयाल रखता है की मार्केट में अलग अलग मैंगो मैन के रेट कैसे कंट्रोल करें । जैसे केजरीवाल ब्रांड मैंगो मैन के रेट बढ गये तो लोगों से कहो की केजरीवाल ब्रांड मैंगो मैन, नक्सल किस्म का है, इसकी पैदावार भी ज़्यादा नही हो रही, इससे अच्छा तो अन्ना मैंगो मैन है । केजरीवाल वर्सस अन्ना कर दो, डिवाइड एंड रूल ! असल बात तो यह है की मैंगो मैन चाहे जो भी हो, जब तक उसका जूस ना निकले .. वो किस काम का ? अब केजरीवाल ब्रांड मैंगो मैन का जूस ना निकले तो उसे क्यूं उगाये ? अन्ना ब्रांड मैंगो मैन में जूस निकालने के चांस फिर भी बेहतर हैं ।

 मैंगो मैन का जूस निकलना बहुत ज़रूरी है । इसी जूस को पी कर डर्टी पॉलिटीशियन और इंपोर्टेड ब्यूरोकरेट अपनी तशरीफ़ का साइज़ दिन दुगना और रात चोगुना कर रहे हैं । तशरीफ़ चौड़ी होती है तो कुर्सी छोटी पड़ती है । कुर्सी छोटी पड़ती है तो बड़ी कुर्सी मिलती है । सरप्लस में जूस हो तो थोड़ा मैंगो मैन जूस टेटरा पैक में पैक करवा कर स्विट्ज़र्लॅंड एक्सपोर्ट कर दो । टी वी पर एड देखेंगे तो समझ आयेगा की मैंगो मैन का जूस मिल जाये तो दरोगा सब काम छोड़ भैंस ढूंढने निकल पड़ता है ।  भाँती भाँती के उद्योग भी मैंगो मैन के जूस से ही चल रहे हैं । इधर पॉलिटीशियन माली ने मैंगो मैन, जूस निकालने के लिये तैयार किये.. उधर उद्योगपति ने जूस निकलने की प्रणाली तैयार की हुई है.. नतीजा ये .. के अब तो मैंगो मैन का जूस पूरे साल निकले है ।

इधर केजरीवाल ब्रांड मैंगो मैन में जूस ख़तम और गुठली बढ़ती जा रही है । गुठली है तो डर्टी पॉलिटीशियन माली और इंपोर्टेड ब्यूरोकरेट के गले से नीचे नहीं उतर पाती, अटक अटक जाती है. किसी तरह गले से उतार भी ले, तो कहीं और जाके अटक जाती है. कुल मिला के हाज़मा खराब है । उधर बाकी मैंगो मान अपने अपने डिब्बे से बाहर झाँकने को तैयार नहीं. कुछ ने आम सूत्र नहीं पढ़ा, कुछ बेचारे पढ़ ही नहीं सकते. कुछ को जूस निकलवाने से फ़ुर्सत नहीं । टोकरी से जूसर और जूसर से टोकरी आने जाने में इधर उधर देखने का वक़्त ही कहाँ मिलता है ।

लेकिन भैया गुठली मोटी करना ज़रूरी है. रसीले मैंगो मैन बनने से कुछ नहीं होगा.. गुठली कहीं अटके ना अटके ... मोटी गुठली ज़मीन में दबे तो भी नया पेड़ उगता है ! सूखी गुठली सड जाती है !
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